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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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तन्हाई ने सिखाया है कि कुछ चीजें हमारे पास होती हैं, نومبر وہ نومبر کی سرد سی راتیں کیسے بھولوں تری ملاقاتیں .. तन्हाई में बैठूं तो इल्ज़ाम-ए-मुहब्बत। क्या करें इश्क की तासीर ही ऐसी होती है। मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं…” मंज़र लखनवी टैग : ग़म https://youtu.be/Lug0ffByUck

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